प्रेस नोट: 2-9-2020     |     खनन ग्रस्त संघर्ष समिति  {जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय के साथ}

कोटपुतली तहसील में पर्यावरणीय उल्लंघनों के साथ खनन के खिलाफ याचिका 

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा 15 खनन पट्टाधारीयों व राजस्थान सरकार को नोटिस जारी 

खनन ग्रस्त संघर्ष समिति की पर्यावरणीय उल्लंघनों  पर दायर याचिका  (75/2020) पर जयपुर जिले की कोटपूतली तहसील के शुक्लावास, पवाना अहिर, बूचारा, दूदावास, पिचानी में खनन कर रही 15 खनन पट्टाधारीयों व राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। प्राधिकरण ने याचिका पर अगली सुनवाई 19 नवंबर 2020 को तय की है। खनन के संघर्ष समिति की ओर से  श्री राधे श्याम शुक्लवास व विमल भाई ने यह याचिका दायर की थी।

क्षेत्र के लोग सालों से इन कंपनियों के पर्यावरणीय उलंघनो के प्रभाव को झेल रहे हैं। पांचो गांव के मकानों में, स्कूल व डिस्पेंसरी में भी दरारे, स्थिति तो इतनी बदतर है कि कभी खेतों में काम कर रहे लोगों पर पत्थर आकर गिरते हैं।

खनन पट्टाधारीयों मकानों से रिहायशी मकानों से न्यूनतम दूरी तक का पालन नहीं कर रही। एक तरफ इलाके में पानी की कमी होती है। तो दूसरी तरफ पट्टाधारीयों की गहरी खनन के कारण खदानों में भरे पानी को निकाल कर फेंका जाता है। गहरी खुदाई से होने वाले विस्फोटकों के कारण न केवल गांव में नुकसान हो रहा है बल्कि नीचे पानी के स्रोतों तक नुकसान पहुंच रहा है।

लोगों ने लगातार अनिश्चितकालीन धरने किये, भूख हड़ताल की, कोटपूतली से जयपुर जिला अधिकारी तक के समक्ष बार-बार पहुंचे। देश के बड़े-बड़े समाज कर्मी तक  पहुंचे धरने पर पहुँचे। सरकार द्वारा हर बार जांच समितियों की घोषणा हुई। किंतु बात सिरे तक नहीं पहुंची।

अंत में लोगो ने निर्णय लिया और  जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय की सहयोग से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में मुकदमा दायर किया गया। लाइफ संस्था के वकील राहुल चौधरी अपने सहयोगियों के साथ कोटपूतली आये और क्षेत्र का भ्रमण किया तथा समस्या को गहराई से  जांच परख कर जाना।

ज्ञातव्य है कि खनन पट्टाधारीयों द्वारा किए गए गैरवाजिब विस्फोटों और पर्यावरणीय उल्लंघनो के कारण अब तक जो नुकसान हुए हैं उसके मुआवजे के लिए भी राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में याचिका (48/2020 CZ) दायर की गई थी। 31 जुलाई, 2020 को प्राधिकरण ने सरकार को नोटिस भेजकर जमीनी सर्वे करके रिपोर्ट दाखिल करने के लिए आदेशित किया था।

खनन के संघर्ष समिति की ओर से यादराम आर्य, राधेश्याम शुक्ला वास,प्रकाश देवी आर्य, ग्यारसी लाल आर्य व श्री राधे श्याम शुक्लवास  ने यह याचिका दायर की थी।

किंतु सरकार प्राधिकरण के आदेशानुसार अभी तक ना तो जमीनी सर्वे किया, ना कोई समिति बनाई, न रिपोर्ट दाखिल की। प्राधिकरण ने सरकार को अगली सुनवाई 14 अक्टूबर से पहले रिपोर्ट दाखिल करने के लिए आदेशित किया है।

दोनों ही याचिकाओं पर माननीय न्यायधीश शेओ कुमार सिंह एवं विशेषज्ञ सदस्य डॉक्टर सत्यवान सिंह गबरयाल सुनवाई कर रहे है।

संघर्ष समिति की ओर से दोनों ही याचिकाओं इस बार लाइफ़ संस्था के वकील सौरभ शर्मा प्रस्तुत हुए।

हम लाइफ संस्था के वकीलों श्री ऋत्विक दत्ता, श्री राहुल चौधरी, श्री सौरभ शर्मा एवं सुश्री कनिका सूद के आभारी हैं जो हमारे मुकदमे बिना किसी फीस के लड़ रहे हैं।

हमें उम्मीद है कि सरकार पर्यावरण और लोगों का हित देखते हुए अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी और अब सिर्फ कागजी नहीं बल्कि जमीन पर कार्यवाही होगी।

इसी अपेक्षा में

अणंची देवी, विक्रम आर्य, राधेश्याम शुक्लावास {9829778227} व विमल भाई {9718479517}

 खनन ग्रस्त संघर्ष समिति, मु.पो. गाँव शुक्लाबास, तहसील -कोटपूतली जिला-जयपुर(राज.) पिन-303105

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: napmindia@gmail.com

 

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