“राज्य सरकार अपनी इतिहास की भूलो को ठीक करे और लोगो के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं”
Date 8 June, 2021 | अति आवश्यक प्रेस नोट
सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक 7 जून, 2021 को “सरीना सरकार एंड अदर्स बनाम स्टेट ऑफ हरियाणा” मामले में फरीदाबाद के खोरी गांव के वन विभाग की जमीन पर बसे मजदूर वर्ग के 10 हजार परिवारों को हटाने का आदेश दिया।
फरीदाबाद के डिप्टी कमिश्नर के द्वारा जारी आदेश के अनुसार दिनांक 9 जून, 2021 को कल सुबह 6:00 बजे एन मजदुर परिवारों को हटाने की कार्यवाही शुरू होगी। फरीदाबाद के डिप्टी कमिश्नर ने उप खंड अधिकारी बड़खल, ज्वाइंट कमिश्नर एनआईटी रेंज फरीदाबाद, सचिव मुंसिपल कॉरपोरेशन फरीदाबाद को निर्देश भी दे दिए हैं।
इस संदर्भ में निम्नलिखित बिंदुओं पर उल्लेख है की —
1. यदि कोरोना लहर ने कही इतनी आबादी को घेरा तो क्या सरकार इतनी बड़ी आबादी को बचा पाएगी?
2. अगर विस्थापन करना ही है तो यह मानना होगा कि यह मानवीय समस्या है जिसमें पुलिस लाठी गोली का इस्तेमाल बिल्कुल ना हो।
3. कोरोना काल को देखते हुए इतनी बड़ी आबादी को हटाना किसी भी गंभीर खतरे को आमंत्रण देना होगा।
4. सर्वोच्च न्यायालय के ही अन्य आदेशों में पुनर्वास को प्राथमिकता दी गई है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद सरकार को मानवीय चेहरा रखना चाहिए।
5. क्या राज्य की स्वास्थ्य ढांचे पर जो दबाव आएगा उसे सरकार क्या संभाल पाएगी?
6. फिलहाल राज्य सरकार तुरंत ट्रांसिट कैंप बना कर फिर विस्थापन के बारे में सक्रिय हो।
7. सरकार के पास हरियाणा के फरीदाबाद जिले में कई निर्मित मकान खाली पड़े है वहां पर लोगों को स्थानांतरित किया जाए।
8. पहले खोरी के लोगो को अल्टरनेट एकोमोडेशन प्रदान करना सुनिश्चित करे।
संपर्क :
निर्मल गोराना
जनरल सेक्रेटरी
बंधुआ मुक्ति मोर्चा
मो. 9899823256,
विमल भाई
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय
मो. 97184 79517