खान निदेशक को नियमित अवैध खनन निगरानी का निर्देश।
खनन पट्टा धारियों को देना होगा जवाब।
पर्यावरण उल्लंघन पर सरकार की जवाबदेही निश्चित।
खनन ग्रस्त संघर्ष समिति (जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय) https://tinyurl.com/392eyvfr
शुक्लावास गाँव, तहसील कोटपुतली, जिला जयपुर, राजस्थान
प्रेस नोट 30-6-2021
कोटपुतली, राजस्थान में अवैध खनन और उसके दुष्प्रभावों के ख़िलाफ़ संघर्षरत खनन ग्रस्त संघर्ष समिति ने 2020 में खनन पट्टा धारियों द्वारा पर्यावरण उल्लंघन पर भी National Green Tribunal में याचिका दायर 75/2020 की थी। जिसमें सरकार को निर्देश हुआ था कि वह जाकर संघर्ष समिति की पर्यावरण संबंधी शिकायतों को भी मौके पर जाकर निरीक्षण करें और रिपोर्ट दें। इस रिपोर्ट पर अभी NGT का फ़ैसला आया है जिसका हम स्वागत करते हैं।
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने अपने 23 जून 2021 के आदेश में सरकारी रिपोर्ट पर संघर्ष समिति की आपतियों को भी संज्ञान में लिया है। मुख्य बिंदु:–
-खनन में विस्फोटकों का इस्तेमाल किया जाता है।
-125 मीटर गहराई तक खुदाई हुई है।
– सरकार की रिपोर्ट में यह मालूम नहीं पड़ता कि भूगर्भीय जल पर क्या असर पड़ा है।
-वृक्षारोपण के बारे में सरकारी रिपोर्ट मैं स्पष्ट नहीं है।
-मकानों में ख़ास कर स्कूल की इमारतों में दरारें आई हैं।
-मानव स्वास्थ्य और इमारतों पर पड़े असर के बारे में आकलन नहीं है
माननीय न्यायाधीश शिओ कुमार सिंह व विशेषज्ञ सदस्य अरुण कुमार वर्मा न अपने 27 पन्नो के आदेश में लिखा है कि:–*
-तद्नुसार, हम खान निदेशक को नियमित रूप से अवैध रेत खनन की लगातार निगरानी का निर्देश देते हैं।
-2016 और 2020 में जारी प्रासंगिक दिशानिर्देश लागू करने और उस पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश देते हैं।
-कलेक्टर स्कूल इमारत को औऱ इसके अलावा ब्लास्टिंग के कारण अन्य इमारत को हुए नुकसान की तथा मानव निवास से दूरी (आबादी) की रिपोर्ट देंगे।
-आगे राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पर्यावरण शर्तों के उल्लंघन के संबंध में और अनुपालन की सीमा के साथ क्षति की भी रिपोर्ट करने का निर्देश दिया जाता है।
-आवेदक (खनन ग्रस्त संघर्ष समिति) को आगे स्कूल और मानव स्वास्थ्य को हुई वास्तविक क्षति प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया जाता है। ताकि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है।
-चूंकि पर्यावरण मंजूरी का उल्लंघन है, इस प्रकार, हम इसे उचित समझते हैं कि सभी उत्तरदाताओं और निजी उत्तरदाताओं को भी चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब/जवाबी हलफनामा प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ, नोटिस जारी किया जाना चाहिए।
-3 अगस्त, 2021 को पूरी रिपोर्ट के साथ प्रस्तुत करें और इसे 48/2020 ( मुआवज़े वाले केस) के साथ सूचीबद्ध करें।
-अवैध खनन में शामिल वाहनो के संदर्भ में “एनजीटी बार एसोसिएशन के मामले में जारी उपरोक्त दिशा-निर्देश और पर्यावरण मुआवजे का मूल्यांकन किया जाना चाहिए और उसके अनुसार निपटा जाना चाहिए।
हम लाइफ़ संस्था के वकील श्री राहुल चौधरी जी के भी आभारी हैं जिन्होंने की अदालत में हमारा पक्ष रखा। वे अदालत को वे अन्य मुद्दों के साथ यह भी समझा पाए की खनन सामग्री को ढोने वाले बड़े बड़े वाहन अनियंत्रित मात्रा में पत्थर व रेत भरते है जिससे सरकार को राजस्व का भी नुकसान होता है और स्थानीय पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है जिस पल प्राधिकरण ने खनन निदेशक को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी है।
हम राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आभारी हैं कि उन्होंने वर्षों से उठाए हमारे मुद्दों को समझा और ऊपरलिखित आदेश दिए। शासन प्रशासन इन आदेशों का व्यवस्थित पालन करेगा ऐसी हमारी अपेक्षा है।
राधेश्याम यादव {9829778227}, जगदीश आर्य, अणची देवी, विक्रम पिचानी, सचिन यादव, यादराम वर्मा तथा विमल भाई {9718479517}